फाइल फोटो
न्यूज़ डेस्क। पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को आज दिल्ली के ITO कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया। उनके जनाजे़ की नमाज़ भी उसी जगह अदा की गई। उनके जनाजे़ में उनके समर्थकों के साथ साथ उनके चाहने वाले मौजुद रहे। उनके पुत्र ने उनका जनाजा कब्र में उतारा। इस मौके पर सभी की आंखें नम थी साथ ही जेल प्रशासन के खिलाफ उनका गुस्सा भी था।
विवादों में घिरा रहा शहाबुद्दीन का जनाजा
मोहम्मद शहाबुद्दीन के मौत के बाद भी उनका जनाजा विवादों में घिर गया, कोरोना संक्रमण होने के कारण जेल प्रबंधन उनका जनाजा अपनी तरफ से करवाना चाह रहा था, मगर शहाबुद्दीन के घरवाले और समर्थक उनका जनाजा उनके गांव प्रतापपुर ले जाना चाह रहे थे। उनकी पत्नी हिना शेहाब ने इसके लिए हाई कोर्ट का दरवाज़ा भी खटखटाया। दो दिनों तक उनका शव इसी दाव पेंच में पड़ा रहा, आखिर आज पोस्टमार्टम के बाद शहाबुद्दीन का शव ITO कब्रिस्तान में दफनाया गया।
जेल प्रशासन पर लग रहे आरोप
4 बार सांसद और 2 बार विधायक रहे शहाबुद्दीन के चाहने वालों की लंबी फौज है हर कोई अपने इस प्रिय नेता का अंतिम दर्शन करना चाह रहा था। इधर उनके परिवार वालो के साथ साथ कई नेताओं का आरोप है की उनका ईलाज सही ढंग से नहीं हुआ और उन्हें जान बूझ से साज़िश के तहत कोरोना संक्रमित मरीज के साथ रखा गया, इस लिए यह मृत्यु नही हत्या है, इसकी जांच होनी चाहिए।
दरअसल शहाबुद्दीन के कोरोना संक्रमित होने का पता तब लगा जब, 20 अप्रैल को उसकी हालत अचानक बिगड़ने लगी। जिस तरह के उसके शरीर में लक्षण नजर आए, उसके मद्देनजर कोरोना संक्रमण की जांच कराई गई। रिपोर्ट सकारात्म आते ही शहाबुद्दीन को तुरंत तिहाड़ जेल के चिकित्सकों की निगरानी में दे दिया गया। इसके बाद भी शहाबुद्दीन की हालत नहीं सुधरी और उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ा। कल से ही उनकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ने लगी और शनिवार यानि 1 मई को शहाबुद्दीन ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।