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बिहार में ब्लैक फंगस ने बढ़ायी चिंता.. देखें बचाओ के तरीक़े



न्यूज़ डेस्क। अब पुरे देश के साथ बिहार में भी ब्लैक फंगस यानी म्यूकोरमाइकोसिस नाम की जानलेवा बीमारी ने संकट बढ़ा दिया है। ब्लैक फंगस स्वस्थ हो चुके कोरोना संक्रमितों की आंखों की रोशनी छीन रहा है। यह इतनी गंभीर बीमारी है कि मरीजों को सीधा आईसीयू में भर्ती करना पड़ रहा है। अब तक ब्लैक फंगस के सबसे अधिक मामले गुजरात में सामने आए हैं। इसके अलावा ब्लैक फंगस ने छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र, दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना, यूपी, बिहार और हरियाणा में मुसीबत बढ़ा दी है।

दरअसल कोविड-19 से उभरने वाले मरीजों में कुछ दिन बाद ये बीमारी हो रही है जो कि बेहद ही घातक है। पूरे देश में इसके मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं।

गौर रहे कि राज्य में अभी तक ब्लैक फंगस की बीमारी से जुड़े दो दर्जन से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।

कैसे करें ब्लैक फंगस की पहचान:

भारत में यह बीमारी ज्यादातर शुगर के मरीजों में सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है। इसके लक्षणों की बात करें तो नाक बंद होना, नाक से खून आना, तेज सर दर्द, आंखों में दर्द, आंखों का लाल होना, आंखों से पानी निकलना, चहरे पर सूजन, धुंधला दिखना, दांत दर्द इसके कुछ प्रमुख लक्षण है। अगर ऐसा होता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है।

ऐसे बरतें एहतियात:

- सामान्य व्यक्ति तो दिन में दो बार ब्रश करें।

- पानी को बोतल करें प्रतिदिन साफ।

- मरीज अगर होश में है तो सामान्य व्यक्ति की तरह प्रतिदिन मुंह साफ करें।

- मरीज अगर होश में नहीं है तो डेमिकल माउथ पेंट डालकर मुंह साफ कर सकते हैं।

- जिस व्यक्ति को आक्सीजन लगी है और होश में नहीं है तो मेडिकल स्टाफ द्वारा प्रतिदिन उनके मुंह की सफाई करानी चाहिए। यह सिर्फ कोविड में ही नहीं नॉन कोविड मरीजों के साथ करना होगा।

बिहार सरकार ने कोरोना संक्रमित मरीजों को उपचार के बाद सजगता बरतने की सलाह देते हुए कहा कि चिकित्सकों की मदद से इस बीमारी का इलाज संभव है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि राज्य में विगत कुछ दिनों से अस्पतालों में ब्लैक फंगस के केस की जानकारी उन्हें प्राप्त हुई है। राज्य सरकार इन मरीजों के उपचार और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने को लेकर गंभीर है।