आरा से शिवम ओझा की रिपोर्ट...
*●कुलपति आवास से सीनेट की बैठक का संचालन क्यों विश्वविद्यालय प्रशासन जवाब दो - आइसा*
*●ऑनलाइन सीनेट की बैठक कर कुलपति छात्रों के विरोध से डरते हैं-मनोज़ मंज़िल*
*●छात्रों के सीनेट में छात्रों का प्रतिनिधि क्यों नहीं कुलपति जवाब दो- आइसा*
वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी के सीनेट की बैठक का छात्र संगठन आइसा ने पुरजोर विरोध किया। आइसा के सैंकड़ों छात्रों ने सुबह 10 बजे ही विश्वविद्यालय कैंपस के गेट को तोड़कर प्रशासनिक भवन को घेर लिया। छात्रों ने कुलपति के खिलाफ घंटों जमकर नारेबाजी की। “छात्र विरोधी सीनेट रदद्”, “सीनेट है छात्रों का, VC की जागीर नहीं”, जैसे आक्रोशपूर्ण नारे लगाएं।
छात्रों के मांगो के समर्थन में सभा को संबोधित करते हुए अगिआंव विधायक मनोज़ मंज़िल ने कहा कि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति चोरों की तरह चुपचाप सीनेट की बैठक कर बजट पास कर देना चाहते हैं और आपस मे बैठकर छात्रों के पैसे को मिल बांटकर खा लेना चाहते हैं।
इन्हें छात्रों के विरोध से डर लगता इसीलिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने आवास से ही ऑनलाइन बैठक किया। छात्र संगठन आइसा के छात्र सुबह 10 बजे ही विश्वविद्यालय कैंपस पहुँच गए थे लेकिन वहाँ जाकर पता चलता है कि कुलपति महोदय अपने आवास से ही सीनेट चला रहे हैं।छात्रों के भविष्य के साथ खेलवाड़ हम नहीं सहेंगे।छात्रों सभी मांगो को सड़क से लेकर सदन तक उठाने का काम करेंगे।
छात्र मार्च करते हुए उनके आवास पहुँचे और कुलपति आवास का घेराव करने का काम किया। कुलपति आवास पर छात्र अपनी मांगो को लेकर घंटों डटे रहे लेकिन तानाशाह कुलपति न खुद छात्रों से मिलने का काम किया और न ही विश्वविद्यालय का एक भी प्रशासनिक अधिकारी छात्रों से मिले।
सभा को संबोधित करते हुए आइसा बिहार राज्य सचिव सबीर कुमार, जिलाध्यक्ष पप्पू कुमार,जिला सचिव रंजन कुमार ने कहा कि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ होगा कि सीनेट की बैठक कुलपति अपने आवास से संचालित कर रहे हैं।
विश्वविद्यालय प्रशासन के इस रवैये से साफ पता चलता है कि सीनेट की बैठक में छात्रों के सवाल पर कितनी बातचीत होती होगी! जिस तरह से इस देश के प्रधानमंत्री संसद में बिना किसी बहस के ही कोई कानून लागू कर दे रहे हैं यहाँ के कुलपति भी उन्हीं की राहों पर चल रहे हैं। लेकिन छात्र संगठन आइसा इसको कत्तई बर्दाश्त नहीं करेगा। अगर छात्रों के सीनेट में छात्रों पर बात नहीं होगी तो आइसा ऐसे सीनेट का हमेशा विरोध करेगा।
आज के घेराव में शामिल थे छात्र संगठन....
*हमारी मांगें:-*
1. छात्र संघ चुनाव की तिथि अविलंब घोषित करो।
2.स्नातक व स्नातकोत्तर में 50% सीट वृद्धि किया जाए।
3.स्नातक व स्नातकोत्तर की फीसवृद्धि को अविलंब वापस लिया जाए।
4.विश्वविद्यालय के अंदर M.Ed, L.L.M की पढ़ाई शुरू किया जाए।
5.सभी महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर के सभी विषयों की पढ़ाई शुरू किया जाए।
6.सभी महाविद्यालयों व विश्वविद्यालय के विभागों में पुस्तकालय, प्रयोगशाला सहित सभी बुनियादी सुविधाओं को बहाल किया जाए।
7.सभी कॉलेजों के महिला छात्रावासों को अविलंब संचालित किया जाए व छात्रों के संख्यानुसार छात्रावास का निर्माण किया जाए।
8.सभी बीएड कॉलेजों के मानक के अनुरूप फीस निर्धारित किया जाए।
9.बीएड भाग-1 और भाग-2 की रदद् हुई परीक्षा को पुनः आयोजित किया जाए।
10.छात्रों से ली जाने वाली राशि को छात्र हित मे खर्च किया जाए।
11.सभी सत्रों को नियमित किया जाए।
12.शिक्षक और कर्मचारियों के रिक्त पदों को अविलंब बहाल किया जाए।
13.विश्वविद्यालय परिसर में स्थित शिक्षा विभाग में शिक्षकों की बहाली की जाए।
14.स्नातक सत्र 2020-2021 के नामांकण में आरक्षण रोस्टर का पालन क्यों नहीं विश्वविद्यालय प्रशासन जवाब दें।
15.सभी छात्र, शिक्षक, कर्मचारी, संविदाकर्मियों के नियुक्ति में आरक्षण रॉस्टर का पालन किया जाए।
16. विश्वविद्यालय में छात्राओं व वंचित तबकों के छात्र-छात्राओं के प्रति संवेदनशील बनाने हेतु GSCASH का गठन किया जाए।
17.संविदा कर्मचारियों को सम्मानजनक वेतन दिया जाए।
18.आउटसोर्सिंग प्रणाली को खत्म किया जाए।
सिनेट घेराव में RYA के जिला संयोजक शिव प्रकाश रंजन,आइसा के जिला सहसचिव शुशील यादव,सुधीर कुमार,विकास कुमार,उपाध्यक्ष रुचि प्रिया,दृष्टिराज,अभिषेक,रौशन,सागर,सुमन,चंदन,कमलेश,शहनवाज,खालिद,रविकांत,अमरेंद्र,राकेश,राजेश,संजय साजन सहित सैकड़ों छात्र शामिल थे।