अररिया से ज्ञान मिश्रा की रिपोर्ट:
अररिया- बिहार सरकार में मंत्री श्रीमती शीला मंडल का जो विवादित बयान आया है, वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है यह बयान समाज को तोड़ने वाला बयान है। बाबू वीर कुंवर सिंह सन 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सिपाही और महानायक थे।
अन्याय विरोधी व स्वतंत्रता प्रेमी बाबू कुंवर सिंह कुशल सेना नायक थे। इनको 80 वर्ष की उम्र में भी लड़ने तथा विजय हासिल करने के लिए जाना जाता है। इन्होंने 23 अप्रैल 1858 में, जगदीशपुर के पास अंतिम लड़ाई लड़ी। ईस्ट इंडिया कंपनी के भाड़े के सैनिकों को इन्होंने पूरी तरह खदेड़ दिया।
उस दिन बुरी तरह घायल होने पर भी इस बहादुर ने जगदीशपुर किले से गोरे पिस्सुओं का "यूनियन जैक" नाम का झंडा उतार कर ही दम लिया। वहाँ से अपने किले में लौटने के बाद 26 अप्रैल 1858 को इन्होंने वीरगति पाई।
बाबू वीर कुंवर सिंह किसी खास जाति समुदाय के नहीं बल्कि वह पूरे भारत के गौरव हैं। शीला मंडल का बयान बहुत ही शर्मनाक है, उन्हें तुरंत से तुरंत माफी मांगनी चाहिए।