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निजी विद्यालय संघ की बैठक में कई निर्णण कोरोना काल के स्कूल फीस में बड़े पैमाने पर छूट देने का निर्णय



शेखपुरा से सुनील कुमार की रिपोर्ट :

बृहस्पतिवार को शहर के पटेल चौक स्थित उषा पब्लिक स्कूल के सभागार में निजी विद्यालय संघ की एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। बैठक में कहा गया कि कोरोना महामारी के कारण जिले के विद्यालय लंबे अरसे से बंद हैं और इस बीच बच्चों का अध्ययन-अध्यापन वैकल्पिक ऑनलाइन विधि से ही संभव हो पा रहा है। 

इस बीच, लॉकडाउन से प्रभावित होने की वजह से ज्यादातर बच्चों के अभिभावकों द्वारा पिछले आठ महीने से किसी भी प्रकार के विद्यालय शुल्क का भुगतान नहीं किया गया है। जिससे विद्यालय और विद्यालय पर आश्रित शिक्षकों एवम अन्य सहायक कर्मियों को कई प्रकार की आर्थिक कठिनाइयों से जूझना पड़ रहा है। 

इस बीच, अभिभावकों द्वारा लॉकडाउन अवधि के शुल्क में कुछ राहत की इच्छा जताई भी जाती रही। हालांकि, सरकार और न्यायालय द्वारा इस संदर्भ में न तो स्कूलों को कोई निर्देश दिए हैं और न ही अभिभावकों को किसी प्रकार की कोई राहत, फिर भी जिले के निजी विद्यालयों द्वारा अभिभावकों को विद्यालय शुल्क में निंम्नांकित राहत देने का फैसल किया है जो निम्नवत है । 

केजी सेक्शन में पूरे लॉक डाउन अवधि की (अप्रैल से वर्ग प्रारंभ होने तक) बच्चों के हर प्रकार के शुल्क का आधा (50%) ही देय होगा। वर्ग-1 से 8 तक के कुल फी में तिहाई (33%) की राशि माफ कर दी जाएगी। वर्ग-9 & 10 के कुल फी में 20% की राशि माफ की जाएगी। 

 लॉकडाउन अवधि का वाहन शुल्क सिर्फ 25% ही देय होगा। गाड़ी में होने वाले तमाम प्रकार के खर्च (डीजल को छोड़कर) के मेंटेनेंस के लिए इतनी मिनिमम राशि जरूरी है। लॉकडाउन अवधि का हॉस्टल शुल्क 30% ही देय होगा। 15 दिसंबर तक नवंबर तक के शुल्क का भुगतान कर देने पर ही ऊपर वर्णित छूट का लाभ अभिभावकों को मिल पायेगा।

विद्यालय शुल्क में राहत के संदर्भ में कुछ निम्नांकित बातें भी गौर करने योग्य हैं। सैनिक स्कूल और केंद्रीय विद्यालय जैसे सरकारी शिक्षण संस्थानों ने लॉकडाउन अवधि के शुल्क में किसी प्रकार की कोई छूट नहीं दी और कड़ाई से पैसे वसूले। 

आर के मिशन जैसे देश के कई अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों ने भी शुल्क में किसी प्रकार की कोई राहत नहीं दी है। पटना और कई अन्य बड़े शहरों के विद्यालयों द्वारा अप्रैल माह से ही एकमुश्त तीन महीने के शुल्क की वसूली प्रारंभ कर दी गई, जबकि हमलोगों ने पांच-छह माह तक अभिभावकों पर शुल्क के लिए किसी तरह का दवाब नहीं बनाया। 

बैठक में प्रिंस पीजे , संजय कुमार , राहुल कुमार , संजीव कुमार , गोपाल कुमार , सुधांशु कुमार सहित अन्य निजी स्कूल संचालक मौजूद थे।