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लगभग चार सौ वर्ष पूर्व शेरशाह के द्वारा खुदवाए गए दाल कुआं के जल से आज तक छठ में बनता है पवित्र खरना का प्रसाद



शेखपुरा से सुनील कुमार की रिपोर्ट:

लोक आस्था का महापर्व छठ व्रत का बृहस्पतिवार को दूसरा दिन खरना ( लोहंडा ) का है। इस दिन चावल और चना के दाल , खीर , रोटी , पिट्ठा का प्रसाद बनाया जाता है। आज के प्रसाद का काफी महत्त्व माना गया है ।

इसी प्रसाद को बनाने के लिए नगर के खांड पर मुहल्ले के प्राचीन दाल कुआं एक विशेष महत्व रखता है। छठ पूजा के लिए नगर के खांड पर मोहल्ला के साथ साथ आसपास के कई मोहल्ले के लोग इस कुएं के पानी से छठ का पवित्र प्रसाद तैयार करते हैं।

बुजुर्ग लोगों का कहना है कि अंग्रेजों के समय से ही कुंआ है।जब शेखपुरा में शेरशाह सूरी ने 1534 ईसवी में इस कुआं को खोदवा कर बनवाया था ।आज तक इस कुआं का जल हम लोगों को मिल रहा है, और विशेष रूप से इस कुआं का जल का उपयोग छठ पर्व में विशेष रुप से उपयोग किया जाता है ।