मधुबनी - लदनियां से हरिश्चन्द्र यादव की रिपोर्ट :
बाबूवरही विधानसभा के विधायक सह पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत ( 69 ) का निधन गुरुवार की रात हो गया। उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत कांग्रेस कार्यकर्ता के रुप में की थी। उन्हें राजनीति की प्रेरणा पूर्व विधायक स्व. महेंद्रनारायण झा व देवनारायण यादव से मिली। वे स्व. झा को जहां राजनीतिक गुरु मानते थे, वहीं स्व. यादव को अभिभावक। उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी बनकर वर्ष 1985 में चुनाव लड़ा।
पूर्व मुख्यमंत्री डा. जगन्नाथ मिश्रा के जन कांग्रेस के वे लदनियां प्रखंड अध्यक्ष पद पर रहे। वर्ष 2001 में पंचायत समिति सदस्य चुने गए। प्रमुख पद की लड़ाई में उनकी हार हो गई थी। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष देवनारायण यादव के निधनोपरान्त 2003 में हुए नीतीश कुमार की समता पार्टी से उन्होंने उम्मीदवारी दी, जिसमें मामूली अन्तर से उनकी हार हो गई।
वर्ष 2005 के फरवरी में जदयू के चुनाव चिह्न पर चुनाव मैदान में आये, जिसमें पुनः उनकी हार हो गयी, लेकिन किसी पार्टी को बहुमत साबित करने लायक सीटें नहीं मिली, जिस कारण विधान सभा का गठन नहीं हो सका और राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। पुनः 2005 में ही चुनाव आयोग द्वारा दूसरीबार चुनाव की घोषणा की गई, जिसमें श्री कामत को एम एल ए के रूप में पहलीबार सफलता मिली। पुनः वर्ष 2010 में हुए चुनाव में उमाकांत यादव से पराजित हो गए।
वर्ष 2015 के चुनाव में श्री कामत को पुनः सफलता मिली। नीतीश सरकार में उन्हें पंचायती राज मंत्री बनाया गया। मंत्री पद पर रहते हुए कोरोना संक्रमित होने के कारण उनकी मौत हो गई। बाबूवरही विधानसभा सीट से जदयू प्रत्याशी के रूप में उनके छोटे पुत्र की पत्नी जिप सदस्या मीणा कामत को उन्होंने अपनी राजनीतिक विरासत देकर उतारा है। उनके आशीर्वाद से उनके जीतेजी यह संभव हो सका था।

0 टिप्पणियाँ
if you have any doubts, please let me know.