मधुबनी - लदनियां से हरिश्चंद्र यादव की रिपोर्ट । प्रखंड मुख्यालय स्थित पंजाब नेशनल बैंक शाखा में पिछले एक महीने से प्रबंधक का पद रिक्त है। वहीं वर्षो से और तीन कर्मियों का भी पद रिक्त है। जिसके कारण हजारों ग्राहकों का विभिन्न तरह के दैनिक कार्य बाधित हो रहे हैं। जिससे इन ग्राहकों में भारी आक्रोश है। यहां पदस्थापित कर्मियों व ग्राहकों के बीच आए दिन कहासुनी और तू-तू, मैं-मैं होता रहता है। वहीं अभी बैंक में कार्यरत मात्र चार कर्मियों को बैंक के दैनिक कार्य निष्पादन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बताते चले कि प्रबंधक शत्रुघ्न प्रसाद का पदोन्नति के साथ गत महीने 21 अगस्त को स्थानांतरण हो गया है।
लेकिन उनके जाने के बाद न तो किसी प्रबंधक का यहां पदस्थापन किया गया है और ना कार्यरत ऑफिसर को लेन देन के अलावे ऋण स्वीकृत करने,नो ड्यूज देने, सहित अन्य तरह के कार्यों को संपादित करने की जीम्मेवारी दी गयी है। नतीजा है कि दैनिक लेन देन के अलावे यहां ग्राहकों का कोई काम नहीं हो पा रहा है।जबकि, तमाम करेंट ऋणी खाताधारकों को सरकार एवं बैंक के कस्टमर केयर से आत्म निर्भर भारत योजना के तहत वैश्विक महामारी कोरोना काल में 20 प्रतिशत अतिरिक्त ऋण देने का मैसेज दिया जाता है और शाखा प्रबंधक से संपर्क करने का निर्देश दिया जाता है। ऐसे हजारों ऋणी लगातार बैंक की चक्कर काट रहे हैं।
लेकिन वहां टका सा जवाब मिलता है कि प्रबंधक नहीं हैं। जबकि, बैंक के हेड ऑफिस द्वारा दिए गए अंतिम तिथि भी अब समाप्त हो गया। ऐसे ग्राहकों में भारी आक्रोश पनप रहा है। साथ ही सैकड़ों ऐसे ऋणी ग्राहक हैं जिन्होंने बैंक के खाते में समझौता योजना के तहत या वैसे बकाया रकम तो पूर्व प्रबंधक के कार्यकाल में ही जमा कर दिया लेकिन, उन्हें अबतक नो ड्यूज सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है। अधिक राशि के बैंक ड्राफ्ट बनवाने में भी दूसरे बैंकों के अधिकारी से हस्ताक्षर कराने के लिए आश्रित रहना पड़ता है। तत्काल प्रभार में कार्यरत पदाधिकारी राजु कुमार ने बताया कि हम किसी तरह इन्हीं चार कर्मियों के भरोसे सिर्फ दैनिक लेन देन का कार्य निष्पादित कर रहे हैं। कई बार उच्चाधिकारियों का ध्यान इस कठिनाई की ओर आकृष्ट कराया गया है। लेकिन समाधान नहीं हो सका है।