मधुबनी - हरलाखी से रौशन सिंह की रिपोर्ट। थाना क्षेत्र के अंतर्गत फुलहर गांव में महिलाओं के द्वारा स्मॉल फाइनेंस के आशीर्वाद, सैटीन, सोनाटा जैसे कई कंपनियों के खिलाफ रोषपूर्ण प्रदर्शन किया गया है.दरअसल महिलाओं का कहना है कि हम लोगों ने छोटे-छोटे रोजगार के लिए स्मॉल फाइनेंस कंपनी से लोन लिए हुए हैं.लेकिन लॉकडाउन के कारण हम लोगों का व्यापार डूब चुका है।
ऐसे स्थिति में मेरे पास अब कर्ज का ईएमआई चुकाने के लिए कोई दूसरा उपाय भी नहीं है.हमलोगों के पति का भी काम धंधा सब चौपट हो गया है, आमदनी का दुसरा कोई श्रोत भी नहीं है.लेकिन इन स्मॉल फाइनेंस कंपनियों के कर्मीयों के द्वारा हमें अपमानित किया जा रहा है.हमलोगों के घर पर आकर भद्दी-भद्दी गालियां देते हैं और कहते हैं की अपना खून बेचकर पैसा चुकाओ. बैंक कर्मी के तांडव से हमलोगों का जीना हराम हो गया है.हमलोगों की गरीबी का मजाक उड़ाया जा रहा है.लाॅकडाउन के दौरान हम लोगों को बाल-बच्चों का पालन करना भी मुश्किल हो गया है, उपर से कर्ज कहाँ से चुकाएं।
अब हम महिलाओं का प्रतिष्ठा किस प्रकार से बचेगी समझ में नहीं अा रहा है क्योंकि हर दो रोज पर फाइनेंस कंपनी हम लोगों के घर आकर प्रताड़ित करते हैं,और तरह-तरह की धमकियां दे रहे हैं.पुरे गांव में हम लोगों की बेइज्जती हो रही है.ऐसा लगता है मानों कि गरीब होना हम लोगों के लिए एक श्राप बन गया है. साथ उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार कहती है कि महिलाओं का पुरा सम्मान दिया जा रहा है,वहीं दूसरी ओर हम लोगों के लाचारी का फायदा उठाया जा रहा है।
महिलाओं का मांग है कि सरकार हम लोगों का इन फाइनेंस कंपनियों का लोन माफ कराएं,ताकि हम लोगों का प्रतिष्ठा बच सकें.वहीं स्थानीय रंजीत कुमार ने कहा कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्माॅल फाइनेंस कंपनी जैसे एलएनटी, आशीर्वाद, सोनाटा,सैटीन आदि विभिन्न फाइनेंस कंपनियों के कर्मी पहले तो महिलाओं को तरह-तरह की प्रलोभन देकर लोन दे देते हैं,फिर अत्यधिक ब्याज जोड़ कर वसूली करते हैं,तथा समय पर यदि ईएमआई नहीं देते है,तो उनके साथ अभद्रता पर उतर जाते हैं.
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से सैटीन,आशीर्वाद आदि कंपनियों की कर्मियों के द्वारा महिलाओं को प्रताड़ित किया जा रहा है,वो बहुत ही निंदनीय है.महिलाओं से यह कहना कि साड़ी,गहने, जमीन या फिर खून बेचकर पैसा चुकाओ यह एक समाज के लिए बहुत ही दुख की बात है.सरकार को इस पर कोई ठोस कदम उठाना चाहिए.प्रदर्शन में बिना देवी, उषा देवी, पूनम देवी, किरण देवी, उर्मिला देवी, रूपा देवी, जितेंद्र श्याम, मो. फैयाज, रुबिदा खातुन, शकीला खातून समेत दर्जनों पिड़ित महिलाएं शामिल थी.