ख़ुसरू परवेज़ | रोहतास संवाददाता
रोहतास जिले के नासरीगंज प्रखंड अंतर्गत कैथी, मौना, अतिमी और महादेवां इत्यादि गांवों में दलितों व गरीबों की लगातार हो रही हत्या, बढ़ते हमले और सरकारी जमीन से उनकी बेदखली से आक्रोशित भाकपा(माले) कार्यकर्ताओं ने राज्यव्यापी कार्यक्रम के तहत धरना प्रदर्शन किया। माले के प्रखंड सचिव नंदकिशोर पासवान ने कहा कि मधुबनी के सुंदरपुर भिंडी गांव में विगत 3 जून को जमीन से दलित गरीबों को बेदखल करने की नीयत से उन पर भाजपा समर्थित गुरुद्वारा ने संगठित हमला किया गया। जिसमें 30 वर्षीय ललन पासवान की गोली मारकर हत्या कर दी गई और गांव के आधे से ज्यादा लोग घायल कर दिये गये। माले नेताओं ने कहा कि मुजफ्फरपुर से लेकर चंपारण तक दलित गरीबों के खिलाफ सामंती अपराधियों का तांडव लगातार जारी है। लेकिन ऐसा लगता है बिहार में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। राज्य पूरी तरह से सामंती अपराधियों की चंगुल में है। और नीतीश सरकार का तथाकथित सुशासन का दावा पूरी तरह से बेनकाब हो गया है। रूपनचक जनसंहार के मुख्य अभियुक्त जदयू के बाहुबली विधायक पप्पू पांडे के खिलाफ नीतीश कुमार ने किसी तरह की करवाई नहीं की। जिसके चलते इन तत्वों का लगातार मनोबल बढ़ता जा रहा है।
मधुबनी की घटना को सीधे तौर से भाजपा संरक्षण में अंजाम दिया गया सुंदरपुर भिंडी में लंबे समय से दलित गरीब गैरमजरूआ जमीन पर बसे हुए थे। लेकिन भाजपा समर्थित मुखिया अरुण झा ने इस इलाके में कुछ मध्यवर्गीय समर्थन हासिल करके एक गिरोह का निर्माण कर लिया है। और विगत कुछ दिनों से जमीन खाली कराने के लिए गरीबों पर दबाव बना रहा था। मामला प्रशासन के संज्ञान में था। एसडीओ के नेतृत्व में तीनों पक्षों की वार्ता हुई थी और तय हुआ था कि लाॅकडाउन के उपरांत जमीनें मापी जाएंगी। अगर जमीन निजी पाई गई तो उसे मुक्त कर दिया जाएगा। लेकिन इसी बीच सामंती अपराधियों ने इस घटना को अंजाम दिया।
घटना में ललन पासवान की हत्या के अलावा दीपक पासवान गरीब पासवान जगदीश पासवान और सत्या देवी बुरी तरह से घायल है। लोगों ने मांग की है कि ललन पासवान की हत्या में संलिप्त मुखिया अरुण झा और रूपनचक जनसंहार के दोषी पप्पू पांडेय की विधानसभा सदस्यता रद्द कर गिरफ्तार किया जाए। कार्यक्रम का नेतृत्व नंद किशोर पासवान, रमेश पासवान, नंदकुमार सिंह, कैसर निहाल और मिथिलेश तिवारी इत्यादि ने किया।