देश में कोरोना वायरस का खतरा कम होने का नाम नहींं ले रहा है जिसके चलते पूरी दुनिया में लॉकडाउन है। कोरोना संकट एवं लॉकडाउन के साथ रमजान का भी आखिरी अशरा चल रहा है और ईद भी नजदीक आ चुकी है।
इन स्थितियों को देखते हुए इमारत शरिया बिहार, झारखंड, उड़ीसा के अमीर मौलाना मोहम्मद वली रहमानी ने भी ऐलान किया है कि लोग अपने-अपने घरों में ही ईद की नमाज अदा करें की क्यूंकी अभी सामूहिक नमाज पर पाबंदी लगी हुई है ।
बिहार की राजधानी पटना में भी इस बार ईद की सबसे बड़ी जमात जो गांधी मैदान में आयोजित होती थी वह इस बार लॉकडाउन और कोरोना संकट के कारण नहीं हो पाएगी । बुधवार को गांधी मैदान ईदेन नमाज कमेटी की बैठक में भी यही निर्णय हुआ। बताते चलें इस एतिहासिक गांधी मैदान में ईद की नमाज 1925 से हाे रही है। इसके अलावा ना ही नमाज़ किसी अन्य ईदगाह या मस्ज़िद में आयोजित होगी। सभी मुसलमानों से कहा गया है कि ईद की नमाज अदा करने की अगर कोई भी स्थिति ना बने या ईद की नमाज छूट जाए तो भी परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि ऐसी परिस्थितियों में ईद की नमाज माफ़ है। ऐसी हालत में लोग दो या 4 रकात "नमाज़े-ए- नफल चाशत" घर पर ही अता करना बेहतर है।
ऑल इंडिया उलेमा ए बोर्ड के अध्यक्ष काज़ी सैयद अनस अली नदवी ने भी कहा है कि यह वक्त बड़ा नाजुक है, ऐसे में किसी तरह की खुशी मनाना दुरुस्त नहीं कहा जा सकता, फिलहाल तो जरूरतमंद लोगों को मदद पहुंचाने की कोशिश करें, अल्लाह की नजर में सबसे मकबूल इबादत यही होगी।
साथ ही साथ पूरे भारत के मुस्लिम धर्मगुरुओं ने ऐलान किया है कि सभी अकीदतमंद ईद की नमाज इस साल अपने-अपने घरों में अदा करें, और लॉक डाउन को लेकर सरकारी निर्देशों का पालन करें।
जाहिर हो कि पिछले 27 दिनों से मुस्लिम भाइयों द्वारा रोजा रखा जा रहा है जिसके तहत इस माह में पड़ने वाले सभी जुमे की नमाज भी लोग मस्जिदों की जगह अपने अपने घरों में ही अदा कर रहे हैं।