पूरे भारत वर्ष में लॉक डाउन की वजह से महानगरों में फंसे आप्रवासी मजदूरों को वापस उनके घर भेजने के लिए केंद्र सरकार प्लान तैयार कर रही है, पर इसके लिए उन्हें 3 मई तक इन्हें इंतजार करना पड़ेगा, वैसे मजदूर जो घर वापस लौटना चाहते हैं पर उनके लिए लॉक डाउन खुलने के बाद ही इन सभी की घर वापसी हो सकती है।
सूत्रों की माने तो मज़दूरों के घर वापसी को लेकर राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार से लगातार बातचीत जारी है, अगर उन्हें घर लौटने की इजाजत मिल जाती है तो पहले उन्हें क्वारंटीन किया जाएगा फिर जांच प्रक्रिया के बाद इन प्रवासी मजदूरों को उनके अपने अपने गांव भेजा जाएगा ।
बताते चलें लॉक डाउन की वजह से बिहार, यूपी के हजारों की संख्या में आप्रवासी मजदूर महानगरों में फंस गए हैं। जो वापस अपने अपने गांव वापस जाना चाहते हैं।
हाल ही में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने इन मजदूरों की मदद के लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल को भी पत्र लिखा था और उन्हें मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए विशेष ट्रेन चलाई जाने की अपील की थी।
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