पटना। सीआरसी पटना में 13 जनवरी 2025 को राष्ट्रीय युवा दिवस कार्यक्रम का आयोजन दीप प्रज्वलित कर किया गया ,जिसमें संस्थान की निर्देशक प्रियदर्शनी प्रियदर्शनी जी ने जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताइए की स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 में हुआ था. इनके बचपन का नाम नरेंद्र नाथ दत्त था और इनके गुरु का नाम रामकृष्ण परमहंस था. अपने गुरु के नाम पर विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन तथा रामकृष्ण मठ की स्थापना की. विश्व में भारतीय दर्शन विशेषकर वेदांत और योग को प्रसारित करने में विवेकानंद की महत्त्वपूर्ण भूमिका है, साथ ही ब्रिटिश भारत के दौरान राष्ट्रवाद को अध्यात्म से जोड़ने में इनकी भूमिका महत्त्वपूर्ण मानी जाती है. इसके अतिरिक्त विवेकानंद ने जातिवाद, शिक्षा, राष्ट्रवाद, धर्म निरपेक्षता वाद, मानवतावाद पर अपने विचार प्रस्तुत किये हैं, विवेकानंद की शिक्षाओं पर उपनिषद्, गीता के दर्शन, बुद्ध एवं ईसा मसीह के उपदेशों का प्रभाव है. उन्होंने वर्ष 1893 में शिकागो विश्व धर्म सम्मलेन में वैश्विक ख्याति अर्जित की तथा इसके माध्यम से ही भारतीय अध्यात्म का वैश्विक स्तर पर प्रचार-प्रसार हुआ।
मुख्य वक्ता के रूप में डॉ अनिल कुमार क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट ने उनके उपदेश को छात्र-छात्राओं को बताया स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि प्रत्येक राष्ट्र का एक जीवन प्रयोजन होता है, और जब समय व आवश्यकता होती है तो राष्ट्र का जन्म होता है. और जब उस प्रयोजन की आवश्यकता समाप्त होती है तो उस राष्ट्र का विलय हो जाता दूसरे वक्त के रूप में डॉक्टर राजेंद्र कुमार प्रवीण सहायक प्राध्यापक विशेष शिक्षा ने अपने वक्तव्य में कहा कि देश के महान युवाओं में से एक थे उक्त कार्यक्रम में कार्यक्रम समन्वयक श्री शांतनु कुमार ,श्री लाल चंद्र, श्री प्रदीप कुमार, श्रीमती स्वयं लता श्रीमती चंद्रमाला , संस्थान के सभी छात्र-छात्राएं एवं अभिभावक गण उपस्थित थे.



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