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हीट एंड रन कानून के विरोध में ऑल इंडिया रोड़ ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन, के बैनर तले निकाला गया विरोध मार्च।




न्यूज़ डेस्क। ऑल इंडिया रोड़ ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन, बिहार, के आवाह्न पर आज शुक्रवार को पटना के सबसे व्यस्थ माने जाने वाले डाकबंग्ला चौराहा को को जाम कर दिया गया।

इन लोगों की मांग है की हीट एंड रन कानून को सरकार को वापस लेना होगा। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने गृह मंत्री अमित शाह का पुतला लेकर नारेबाजी की। जिला प्रशासन ने डाकबंगला चौराहे पर जुलूस को रोक दिया। आंदोलनकारियों के हाथों से पुतला जब्त कर लिया। चालकों के प्रतिनिधिमंडल फेडरेशन प्रदेश महासचिव राजकुमार झा के नेतृत्व में जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा।


क्या है नया हिट-एंड-रन कानून ?

भारतीय न्याय संहिता (BNS) के अनुसार, जो ब्रिटिश-कालीन भारतीय दंड संहिता का रिप्लेस्मेंट है. जिसके तहत अगर किसी ड्राइवर के लापरवाही से गाड़ी चलाने के चलते कोई गंभीर सड़क दुर्घटना होती है और वह पुलिस या किसी अधिकारी इस घटना की जानकारी दिए बिना चला जाता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है. जिसके लिए 10 साल तक की जेल और 7 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. 

पहले हिट एंड रन कानून क्या था ?

भारतीय न्याय दंड सहिंता में पहले हिट-एंड-रन जैसी घटनाओं के लिए कोई सीधा कानून नहीं था. हालांकि इसके बजाय, ऐसे मामलों में कार्रवाई के लिए IPC की धारा 304 ए का प्रयोग किया जाता था. जिसके मुताबिक, लापरवाही से किए गए किसी काम की वजह से अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो अधिकतम दो साल की जेल या जुर्माना हो सकता है.