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भिखारी द किंग कार्यक्रम के दूसरे दिन बिदेसिया नाटक और जाँघिया नाच की प्रस्तुति ने दर्शकों को मोहा



  • भिखारी द किंग कार्यक्रम के दूसरे दिन बिदेसिया नाटक और जाँघिया नाच की प्रस्तुति ने दर्शकों को मोहा
  • प्रसिद्ध रंग निर्देशक श्री संजय उपाध्याय के निर्देशन में हुआ बिदेसिया का मंचन

पटना 19.12.23 पटना के भारतीय नृत्य कला मंदिर में भिखारी ठाकुर की जयंती पर आयोजित भिखारी द किंग कार्यक्रम के दूसरे दिन की शुरुआत पूर्वांचल के प्रसिद्ध जाँघिया नाच की प्रस्तुति श्री बृजनाथ सिंह एवं दल के द्वारा से हुई । यह पूर्वांचल का एक प्रसिद्ध नाटकीय विधा है जिसमे नृत्य, संगीत एवं नाटक का प्रदर्शन किया जाता है । इस नाच में करतब और कलाबाज़ी, जैसे दांतों से साइकिल नचाना, फ़र्री और गुलाटी मारना इसे रोचक और मनोरंजक बना देता है । इसमें नाचने वाले कलाकारों ने सफ़ेद बनियान, सफ़ेद बनियान और धोती के ऊपर रंग- बिरंगी जांघिया पहना था एवं उनके जांघिये में 3 से 5 किलों तक के घुंघरू लगे थे, जिसने इनकी प्रस्तुति को रोचक और मनमोहक बना दिया । इसके बाद इनके द्वारा गाए गीत  रतिया के झुलानिया ले गईल चोर मोरी ननदी ने लोगों को खूब झुमाया । 




इसके बाद भिखारी ठाकुर के प्रसिद्ध नाटक बिदेसिया का मंचन देश के प्रसिद्ध रंग निर्देशक श्री संजय उपाध्याय के निर्देशन में किया गया । बिदेसिया का मुख्य विषय रोजी -रोटी की तलाश में विस्थापन, घर में अकेली औरत का दर्द और नायक का लौट कर अपनी मिट्टी की तरफ वापस आना है । ए लीजिये जनाब, दोस्त ने कलकत्ता की तारीफ कर दी तो नायक मचल उठे कलकत्ता देखने को लेकिन अभी नायिका के पैरों का महावर भी नहीं सुखा की जुदाई की बात और उसपर से सुन रखा है कि “ पूरब देस में टोना बहुत बेसी बा, पानी बहुत कमजोर”  । नाटक के मंचन के दौरान पिया कह्लन बाहर जाइब, कुछ दिन में लौट के आइब, जीने नहीं दिहली कबहूँ, आहो मोरे रामा जैसे गीतों की प्रस्तुति ने समां बांधा ।




कार्यक्रम के दौरान कला, संस्कृति और युवा विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती हरजोत कौर बम्हरा ने सभी कलाकारों को प्रशस्ति  पत्र एवं प्रतिक चिह्न देकर सम्मानित किया ।