पटना। राष्ट्रीय लोक जनता दल ने बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रवैया की निंदा करते हुए कहा कि या तो वे अपने रवैया बदले या फिर पद से इस्तीफा दें दे. छात्र रालोजद के प्रदेश प्रधान महासचिव प्रतीक कुशवाहा ने कहा कि शिक्षा मंत्री शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ तानाशाहों जैसा सल्लूक कर रहे हैं. बेरोजगार शिक्षक अभ्यर्थी उनसे मुलाकात करना चाहते हैं लेकिन उन्हें समय नहीं दिया जाता है. फोन करने पर शिक्षक अभ्यर्थियों का फोन काट दिया जाता है शिक्षक अभ्यर्थी शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर उनके सामने अपनी मांगों को रखना चाह रहे थे लेकिन उन्हें अब तक मिलने का समय नहीं दिया गया है।
प्रतीक कुशवाहा ने बताया कि अभियर्थियों की मांग है कि बीपीएससी के सातवें चरण के लिए प्राथमिक शिक्षक बहाली में सी-टेत (सीटीईटी) की न्यूनतम अहर्ताक में पांच फीसद का न्यून (ग्रेस) दिया जाए. अभ्यर्थियों का कहना है कि इससे बिहार के बहुत सारे लोगों को फायदा होगा जो एक दो अंकों से चूक गए हैं अभ्यर्थियों ने इस सिलसिले में राज्यपाल से लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों से गुहार लगाई है. लेकिन सरकार ने अभी तक उनसे इस मुद्दे पर बातचीत में दिलचस्पी नहीं दिखाई है.
प्रतीक कुशवाहा ने कहा कि रालोजद इन अभ्यर्थियों की मांग का समर्थन करता है और सरकार से अपील करता है कि इन अभ्यर्थियों की मांग पर सहानुभूति पूर्वक विचार करें और हर श्रेणी में पांच फीसद ग्रेस दे कर कुछ अंकों से चूक गए. अभ्यर्थियों को लाभ मिले और बिहार के बेरोजगारों को रोजगार मिल सके.लेकिन कुशवाहा ने कहा कि बीएससी की परीक्षा के बाद आयोग के अध्यक्ष का भी बयान आया था कि अगर जरूरत पड़े तो शिक्षकों की भर्ती में अभ्यर्थियों को ग्रेस किया जा सकता है. कुशवाहा ने कहा कि सरकार को इस पर गंभीरता से विचार कर पहल करना चाहिए. और कुशवाहा ने शिक्षा मंत्री को सलाह दी है कि वे उन अभ्यर्थियों से मुलाकात कर उनकी पीड़ा को सुने और समझे. अगर उनके पास अपने राज्य के युवकों के लिए समय नहीं है तो फिर अपने पद से इस्तीफा दे दें।


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