न्यूज़ डेस्क। बिहार कर्मचारी चयन आयोग, पटना द्वारा आयोजित सहायक उर्दू अनुवादक की मुख्य परीक्षा के उपरांत चयनित एवं काउंसलिंग करा चुके पिछड़ व अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अभ्यार्थी का दिनांक 4.12.2019 के बाद का निर्गत क्रीमीलेयर रहित प्रमाण-पत्र (NCL) और सामान्य कोटि के आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यार्थियों का EWS प्रमाण-पत्र को मान्यता देते हुए नियुक्ति की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन बुधवार दिनांक- 22.02.2023 को पटना के गर्दनीबाग धरनास्थल, पर आयोजित हुआ। इन सभी को नियुक्ति पत्र नहीं मिलने से नाराज थे।
इन सभी का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांग को पूरी नहीं करते है तो वह जल्द ही विधानसभा का घेराव करेंगे।
उल्लेखनीय है कि ऐसा ही मामला बिहार कर्मचारी चयन आयोग, पटना के प्रथम इंटर स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा- 2014 के पिछड़ा एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ भी हुआ था, जिसका समाधान बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने पत्रांक-7591 दिनांक-20.05.2022 द्वारा किया है।
उक्त के आलोक में सरकार से अनुरोध है कि हम अभ्यर्थियों के भविष्य को देखते हुए अभ्यर्थियों के दिनांक- 04.12.2019 के बाद तथा काउंसलिंग की तिथि से पहले तक का निर्गत क्रीमीलेयर रहित प्रमाणपत्र (NCL) एवं EWS प्रमाणपत्र को मान्यता देने अथवा बिहार कर्मचारी चयन आयोग, पटना के प्रथम इंटर स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा-2014 के अभ्यर्थियों की भाँति हमारा भी समाधान किया जाय।
अभ्यर्थियों का कहना है कि हमलोग बिहार एसएससी परीक्षा के तहत सहायक उर्दू अनुवादक की परीक्षा पास कर ली है। काउंसलिंग हुए 7 माह से ज्यादा हो चुका है लेकिन अब तक नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया है। हमलोग सरकार से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द नियुक्ति पत्र दिया जाए, नहीं तो लगातार प्रदर्शन जारी रहेगा।
इस धरना-प्रदर्शन में मुख्य रूप से संघ के सचिव परवेज हयात, अभ्यार्थी फैजुल इस्लाम, अब्दुर रहीम. मो० इंतिखाब, अमानतुल्लाह तैमी, मो० आफताब, मुजाहिदुल इसालाम आदि शामिल रहें।