मेला में लोक पंच की प्रस्तुति
क़ातिल खेत
लेखक : इश्तियाक अहमद, निर्देशक : मनीष महिवाल
19 फ़रवरी 2023
स्थान- श्री सीताराम आश्रम, राघवपुर, बिहटा
कथासार
नाटक "क़ातिल खेत" के माध्यम से दिखाया गया कि एक किसान है जो अपनी किसानी से खुश है, थोड़ा-थोड़ा अपनी जरूरत की सभी खाद्य सामग्री उगाता है।
एक दिन किसान को हल जोतते समय खेत से एक चिराग मिलता है, वह चिराग को साफ करता है तभी उसके अंदर से जिन निकलता है और सलाह देता है कि तुम अपने खेत में रासायनिक खाद का उपयोग करो उपज 5 गुना होगा और एक बार में एक फसल लगाओ तो और ज्यादा फायदा होगा, पर खर्च थोड़ा ज्यादा लगेगा। जबकि किसान की पत्नी किसान को यह सलाह मानने से बार-बार मना करती है, लेकिन किसान नहीं मानता। वो कर्जा, पईचा, लोन लेकर खेती शुरू करता है। बार-बार कर्ज लेता है पर समय पर चुका नहीं पता है मजबूरन अपने सारे फसल और अपनी जमीन से हाथ धोना पड़ता है और अंत में वह आत्महत्या कर लेता है।
पात्र परिचय
किसान : मनीष महिवाल पत्नी : प्रियांका सिंह
जिन : गुलशन कुमार
बैल 1 : अरबिंद कुमार
बैल 2 : अभिषेक राज
ग्रामीण : राम प्रवेश
मुखिया : अभिषेक
मुंशी जी : अभिषेक राज
मंच परे
संगीत : अभिषेक राज
मंच व्यवस्था : राम प्रवेश
प्रॉपर्टी : कृष्ण देव
मेकअप : रोज सिंह
परिवहन : अरबिंद कुमार
फोल्डर : अभिजीत चक्रवर्ती
वस्त्र विन्यास: रितिका
लेखक : इश्तियाक अहमद
निर्देशक : मनीष महिवाल