SON OF SIMANCHAL GYAN MISHRA
विश्व प्रसिद्ध आंचलिक कथा साहित्यकार स्व. फणीश्वरनाथ रेणु के जन्म व कर्मभूमि वाले फारबिसगंज शहरी क्षेत्र में केवल सफाई मद में हीं प्रतिवर्ष दो करोड़ रुपये से भी अधिक राशि कागजों पर खर्च करने वाली संस्था के ताज के लिये जारी रस्साकशी का ताजा सूरतेहाल यह है की माल वाले का भी कमाल नहीं चल पा रहा है । या यूँ कहिये की बचे हुए कार्यकाल में पुनः ताज पाने में लगने वाली मोटी रकम की वापसी की उम्मीद नहीं के बराबर है । इसलिये पुनः ताज पाने की कवायद नहीं की जा रही है । जबकि ताजा समीकरण बता रहा है कि अगर एक बार हाथ से ताज गया तो अगले कुछ महीनों में होने वाले चुनाव में उनके हाथ से वार्ड का भी जाना लगभग तय सा है । ऐसा राजनीति के जानकारों का मत है ।
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