एक ओर जहां आवेदक को आवेदन के साथ अपेक्षित कागज के नाम पर परेशान किया जाता है, तो दूसरी तरफ तत्काल सेवा के तहत आवेदन करने वाले लोगों को समय से हल्का कर्मचारी नहीं मिल पाते हैं।
जरूरतमंद लोग कार्यालय का चक्कर लगाकर लौट जाते हैं।
अगर कर्मचारी मिलने पर अपना काम कर भी दिया तो काउंटर पर बैठे कर्मियों की कुंडली जल्दी जागृत नहीं हो पाती है। इसके लिए आवेदक को जोगार टेक्नोलॉजी का उपयोग करना पड़ता है। अन्यथा परेशानी का सामना करना पड़ता है।
काउंटर के नियम कायदे से अनभिज्ञ जनप्रतिनिधियों को ऐसी ही परेशानी झेलनी पड़ती है। परेशानी झेल चुके कई लोगों ने कहा कि काउंटर पर बैठने वाले कर्मियों की यही स्थिति रही तो स्थिति बिस्फोटक हो जा सकती है।